(3) इस अधिनियम के तहत केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गये प्रत्येक नियम, बनाने के बाद जितनी जल्दी संभव हो सकेगा, संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष, सत्र में होने पर तीस दिन की अवधि के भीतर जिसमें एक सत्र या दो या उससे अधिक लगातार सत्र शामिल किए जा सकते हैं, रखा जाएगा और यदि, इस सत्र के तुरंत बाद आने वाले सत्र या पूर्वोक्त क्रमिक सत्रों की समाप्ति से पूर्व, दोनों सदन नियम में किसी संशोधन पर सहमत होते हैं या दोनों सदन इस बात से सहमत होते हैं कि नियम नहीं बनाया नहीं बनाया जाना चाहिए, के बाद, जैसा भी स्थिति हो, इस तरह के संशोधित रूप में प्रभावी होगा या निष्प्रभावी होगा; परंतु, ऐसा कोई भी संशोधन या निरसन पहले के नियम के तहत किये गये किसी निर्णय की वैधता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालेगा।
(4) इस अधिनियम के तहत राज्य सरकार द्वारा बनाया गया प्रत्येक नियम, बनाने के बाद जितनी जल्दी संभव हो सकेगा, ऐसे विधानमंडल जिनमें दो सदन हैं प्रत्येक सदन में और जहां राज्य विधानमंडल में एक ही सदन है उस सदन के समक्ष, रखा जायेगा।
(2) ऐसे निरसन के होते हुए भी, इस अध्यादेश के तहत की गई कार्रवाई कुोई भी किया गया कार्य या की गई कार्यवाही, इस अधिनियम के संगत प्रावधानों के तहत की गई या किया गया समझा जाएगा।