उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड
श्रम विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार

अधिनियम तथा नियम

प्रतिष्ठानों का पंजीकरण
(6) पंजीकरण अधिकारियों की नियुक्ति -

समुचित सरकार, सरकारी राजपत्र में अधिसूचित आदेश द्वारा -

  • इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए, सरकार, ऐसे व्यक्ति को राजपत्रित अधिकारी के रूप में पंजीकरण अधिकारी नियुक्ति करेगी जैसा वह उचित समझे; और
  • उन सीमाओं को परिभाषित करेगी जिनके अंतर्गत पंजीयन अधिकारी इस अधिनियम द्वारा या उसके अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करेगा।
(7) प्रतिष्ठानों का पंजीकरण -
  • प्रत्येक नियोक्ता -
    • एक प्रतिष्ठान के संबंध में जिस पर यह अधिनियम अपने प्रारंभ पर लागू होता है, ऐसे प्रारंभ से साठ दिनों की अवधि के भीतर पंजीकृत करायेगा और
    • किसी भी ऐसे अन्य प्रतिष्ठान के संबंध में जिस पर यह अधिनियम ऐसे प्रारंभ के बाद प्रतिष्ठान पर लागू हो जाता है, ऐसे प्रतिष्ठान पर इस अधिनियम के लागू होने की तारीख से साठ दिनों की अवधि के भीतर, ऐसे प्रतिष्ठान के पंजीकरण के लिए पंजीकरण अधिकारी को आवेदन प्रस्तुत करेगा;
    बशर्ते, पंजीकरण अधिकारी, उक्त अवधि की समाप्ति के बाद भी ऐसे आवेदनों पर विचार कर सकता है यदि उसे समाधान हो जाता है कि आवेदक को ऐसी अवधि के भीतर आवेदन करने से पर्याप्त कारणों से रोका गया था।
  • उप-धारा (1) के तहत प्रत्येक आवेदन ऐसे रूप में होगा और उसमें ऐसे विवरण होने चाहिए तथा शुल्क शामिल होना चाहिए जैसा कि विहित किया जाएगा।
  • उप-धारा (1), के तहत आवेदन प्राप्त होने के बाद, पंजीयन अधिकारी प्रतिष्ठान को पंजीकृत करेगा और स्थितियों के अधीन ऐसे समय व प्रारूप पर उसके नियोक्ता को पंजीकरण का प्रमाण पत्र जारी करेगा जैसा कि विहित किया जा सकेगा।
  • जहां, इस धारा के तहत किसी प्रतिष्ठान के पंजीकरण के बाद, स्वामित्व या प्रबंधन या इस तरह की प्रतिष्ठान के संबंध में अन्य विहित ब्यौरे में कोई भी परिवर्तन होता है, वहां नियोक्ता द्वारा इस तरह के परिवर्तन का विवरण तीस दिनों के भीतर विहित प्रारूप पर पंजीकरण अधिकारी को सूचित करना होगा।
  • टिप्पणी -

    एक प्रतिष्ठान का प्रत्येक नियोक्ता, जिस पर यह अधिनियम लागू होता है और जिस पर यह अधिनियम किसी भी समय लागू किया जा सकता है, उस तिथि से जिससे यह अधिनियम उस प्रतिष्ठान पर लागू हो जाता है, से अधिनियम के प्रारंभ होने के साठ दिनों की अवधि के भीतर, को एक विहित प्रारूप पर विहित शुल्क के साथ अपने प्रतिष्ठान के पंजीकरण के लिए आवेदन करना आवश्यक है।

(8) कुछ मामलों में पंजीकरण का रद्दीकरण -

यदि किसी पंजीकरण अधिकारी को या तो इस संबंध में उसे किए गए किसी संदर्भ से या अन्यथा समाधान हो जाता है कि, किसी भी प्रतिष्ठान का पंजीकरण मिथ्या निरूपण या किसी गलती को छुपाकर प्राप्त किया गया है या इस तरह के प्रतिष्ठान द्वारा किए गए किसी भी काम के संबंध में इस अधिनियम का पालन नहीं किया जा रहा है, या किसी भी अन्य कारण से जिससे पंजीकरण बेकार या अप्रभावी हो गया है और इसलिए उसे रद्द किया जाना आवश्यक है तो प्रतिष्ठान के नियोक्ता को सुने जाने का एक अवसर देने के बाद, पंजीकरण रद्द कर सकता है।

टिप्पणी -

यदि किसी प्रतिष्ठान का पंजीकरण मिथ्या प्रस्तुति से या महत्वपूर्ण त्रुटि को छुपाकर छुपाकर कराया गया है और यदि अधिनियम के प्रावधानों का, ऐसे प्रतिष्ठान द्वारा किए गए किसी भी कार्य के संबंध में के साथ पालन नहीं किया जा रहा हैं तो पंजीकरण अधिकारी द्वारा प्रतिष्ठान के नियोक्ता को सुने जाने का एक अवसर देकर पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।


(9) अपील -
  • धारा 8 के अधीन किए गए आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति, उसके पास आदेश भेजे जाने की तारीख से तीस दिन के भीतर से इस संबंध में अपीलीय अधिकारी को अपील कर सकता है जो समुचित सरकार द्वारा नामित एक व्यक्ति होगा।
    बशर्ते, अपीलीय अधिकारी तीस दिन की अवधि समाप्त होने के बाद भी अपील पर विचार कर सकता है यदि वह इस बात से संतुष्ट है, अपीलार्थी समय पर अपील करने से पर्याप्त कारणों से रोका गया था।
  • उप-धारा (1) के तहत कोई अपील प्राप्त होने पर, अपीलीय अधिकारी, अपीलार्थी को सुनवाई का एक अवसर देने के बाद, यथासंभव शीघ्रता से निरस्तीकरण के आदेश की, पुष्टि, उसमें संशोधन या निरस्त करेगा।.
    टिप्पणी - यदि किसी प्रतिष्ठान का नियोक्ता पंजीकरण के अधिकारी के आदेश से व्यथित है तो वह आदेश भेजे जाने की तारीख से तीस दिन के भीतर अपीलीय अधिकारी के समक्ष सभी अपील कर सकता है। अपीलार्थी, तीस दिन की समाप्ति के बाद भी अपील दायर कर सकता है यदि अपीलार्थी अपीलीय अधिकारी को इस बात से संतुष्ट कर पाता है कि उसे समय में अपील दायर करने से पर्याप्त कारणों से रोका गया था।
(10) गैर पंजीकरण का प्रभाव -

किसी प्रतिष्ठान का नियोक्ता जिस पर यह अधिनियम लागू होता है, ऐसा नहीं करेगा -

  • यदि प्रतिष्ठान के लिए धारा 7 के तहत पंजीकृत होना आवश्यक है, लेकिन उस इस धारा के तहत पंजीकृत नहीं किया गया है;
  • एक प्रतिष्ठान के संबंध में जिसका पंजीकरण धारा 8 के तहत रद्द कर दिया गया है और धारा 9 के तहत निरस्तीकरण आदेश के विरूद्ध, अपील दायर करने की समय सीमा के भीतर कोई अपील नहीं की गई है या यदि जहां ऐसी अपील की गई है उस अपील को रद्द कर दिया गया है, प्रतिष्ठान धारा (7) की उपधारा () के खंड (a) या खंड (b) में निर्दिष्ट अवधि की समाप्ति के बाद या धारा 8 के तहत पंजीकरण निरस्त होने या धारा 9 के तहत अपील दायर करने की अवधि समाप्त होने या की अपील बर्खास्त किए जाने के बाद जैसी भी स्थिति हो संनिर्माण श्रमिकों को नियोजित करता है।

टिप्पणी - किसी प्रतिष्ठान, जिसका पंजीकरण कराना आवश्यक है लेकिन उसका पंजीकरण नहीं किया गया है या ऐसे प्रतिष्ठान का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और कोई अपील नहीं की गई है या जहां अपील की गई है, परंतु उसे खारिज कर दिया गया है, का नियोक्ता संनिर्माण श्रमिकों को नियोजित नहीं कर सकता है।

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