उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड
श्रम विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार

अधिनियम तथा नियम

सुरक्षा एवं स्वास्थ्य उपाय

38.सुरक्षा समिति और सुरक्षा अधिकारी - (1) प्रत्येक प्रतिष्ठान में जहां पांच सौ या इससे अधिक श्रमिक आमतौर पर कार्यरत हैं, नियोक्ता, नियोक्ता व संनिर्माण श्रमिकों के प्रतिनिधियों की ऐसी संख्या को शामिल करते हुए सुरक्षा समिति का गठन करेगा जैसा कि राज्य सरकार द्वारा विहित किया जा सकेगा;
बशर्ते, कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों की संख्या, किसी भी स्थिति में, नियोक्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों की तुलना में कम नहीं होगी।


उपधारा 1 में निर्दिष्ट प्रत्येक प्रतिष्ठान में, नियोक्ता, एक सुरक्षा अधिकारी की नियुक्ति करेगा जो ऐसी योग्यता धारित करेगा और ऐसे कर्तव्यों का पालन करेगा जैसा कि विहित किया जा सकेगा।


39. कुछ दुर्घटनाओं की सूचना - (1) जहां भी किसी प्रतिष्ठान में कोई दुर्घटना होती है जिसके कारण मृत्यु या जो या कोई ऐसी शारीरिक चोट आती है जिसके कारण, व्यक्ति को दुर्घटना के तुरंत बाद अड़तालीस घंटे या अधिक अवधि के लिए काम करने से रोका जाता है, या वह ऐसी प्रकृति की है जैसा कि विहित किया जा सकेगा, तो नियोक्ता ऐसे प्राधिकारी ऐसे प्रारूप व समय के भीतर सूचित करेगा जैसा कि विहित किया जा सकेगा।
(2)उप-धारा (1) के तहत कोई सूचना प्राप्त होने पर उस उपधारा में निर्दिष्ट प्राधिकारी ऐसी जांच या पूछताछ कर सकता है जैसा वह आवश्यक समझे।
(3)जहां उप-धारा (1) के तहत दी गई सूचना, ऐसी दुर्घटना से संबंधित है जिसमें पांच या उससे अधिक व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है, ऐसी स्थिति में प्राधिकारी सूचना प्राप्त होने के एक माह के भीतर ऐसी दुर्घटना की जांच करेगा।


40. संनिर्माण श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए नियम बनाने की समुचित सरकार की शक्तियां - (1) समुचित सरकार, अधिसूचना द्वारा, उनके नियोजन के दौरान संनिर्माण श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित किए जाने वाले उपायों के बारे में और इस तरह के नियोजन के दौरान उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य व संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें आवश्यक उपकरण और औजार प्रदान किये जाने के लिए नियम बना सकेगी।


(2) विशेष रूप से, और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे नियम निम्नलिखित सभी या किसी भी मामले में, निम्नलिखित का उपबंध कर सकेगीः -
(a) जब जमीन से या इमारत के किसी भी भाग से या सीढ़ी से या अन्य किसी ऐसे सहारे के साधन से काम को सुरक्षित रूप से नहीं किया जा सकता है तो विभिन्न चरणों में उपयुक्त और पर्याप्त मचान के प्रावधान सहित ऐसा किसी भी कार्य स्थल की पहुंच के लिए और उसकी सुरक्षा के लिए सुरक्षित साधन,
(b) किसी भी इमारत या अन्य संरचना को पूर्ण रूप से या उसके किसी भी हिस्से के विध्वंस के संबंध में सक्षम व्यक्ति द्वारा इमारत या अन्य संरचना या किसी इमारत के बड़े हिस्से के उठंगाने या अन्यथा द्वारा ढहने से होने वाले खतरे से बचने के लिए बरती जानी वाली सावधानी;
(c) सक्षम व्यक्ति के नियंत्रण में विस्फोटक का उपयोग या रखरखाव जिससे विस्फोट से या उड़ने वाली सामग्री से चोट का जोखिम उत्पन्न न हो;
(d) परिवहन उपकरणों जैसे इंजनों, ट्रकों, वैगन और अन्य इस प्रकार के वाहनों और खींचने वाली गाडि़यों और इस तरह के उपकरणों को ड्राइव या संचालित करने के लिए निर्माण स्थापना व रखरखाव व उपयोग के लिए सक्षम व्यक्तियों की नियुक्ति;
(e) समय-समय पर परीक्षण और जांच तथा जहां आवश्य हो ऊष्मा के उपचार सहित होइस्ट, उठाने के यंत्रों और उठाने के गियर को खडा करने, स्थापित करने, प्रयोग करने उनका रखरखाव करने में भार उठाते समय या उतारते समय बरती जाने वाली सावधानियां, व्यक्तियों की ढुलाई पर प्रतिबंध, और होइस्ट या अन्य भार उठाने के उपकरणों के लिए सक्षम व्यक्तियों की नियुक्ति;
(f) प्रत्येक स्थान जहां होइस्ट के प्रयोग द्वारा चढ़ाने या उतारने का कार्य किया जा रहा है, उठाने के उपकरण या उठाने के गियर कार्य जहां प्रगति पर है और नियोजित भवन श्रमिकों के लिए खतरनाक सभी छिद्र हो सकते हैं ऐसे प्रत्येक कार्यस्थल के लिए पर्याप्त और उपयुक्त प्रकाश व्यवस्था और उसकी पहुंच,
(g) किसी भी घिसाई, सफाई, छिड़काव या केवल सामग्री के जोड़-तोड़ के दौरान धूल, धुएं, गैसों और वाष्प की साँस लेने से रोकने के लिए की जाने वाली सावधानियों, और ऐसे प्रत्येक स्थल पर या सीमित स्थल पर पर्याप्त वायु संचार सुनिश्चित करने और बनाए रखने के लिए उठाए जाने वाले कदम;
(h) सामग्री या माल का ढेर लगाने या हटाने या भरने अथवा खाली करने या उनके रखरखाव के संबंध किए जाने वाले उपाय;
(i) प्रत्येक फ्लाई व्हील और मुख्य मोटर के प्रत्येक घूमने वाले भाग और प्रसारण या अन्य मशीनरी के प्रत्येक चलने वाले भाग को घेरने सहित मशीनरी की सुरक्षा, जब तक कि वह ऐसी स्थिति या ऐसे निर्माण में न हो जिससे कि प्रत्येक श्रमिक को काम करने के लिए उतनी सुरक्षित न हो जितनी उसे घेरे जाने के बाद होगीः
(j) संपीडि़त हवा द्वारा संचालित उपकरणों और औजारों सहित संयंत्र, का सुरक्षित रखरखाव और प्रयोगः
(k) आग के संबंध में बरती जाने वाली एहतियात;
(l) कार्यकर्ताओं द्वारा स्थानांतरित करने के लिए उठाये जा सकने वाले वजन की सीमा;
(m) किसी भी कार्यस्थल को या से पानी से श्रमिकों के सुरक्षित परिवहन और डूबने से बचाव के लिए साधनों का प्रावधानय
(n) ओवरहेड तारों और विद्युत मशीनरी व उपकरण सहित लाइव बिजली के तारों या उपकरणों से श्रमिकों को हो सकने वाले खतरों को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायय
(o) जहां काम की विशेष प्रकृति या परिस्थितियों के कारण श्रमिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक हो सुरक्षा नेट, सुरक्षा चादरें और सुरक्षा बेल्ट का रखनाय
(p) मचान, सीढ़ी और जीनों, उठाने के उपकरणों, रस्सियों, जंजीरों और सहायक सामानों, मिट्टी ढोने वाले उपकरणों और चल परिचालन उपकरणों के संबंध में पालन किये जाने के लिए मानकय
(q) ढेर पर ड्राइविंग, कंक्रीट के कार्यों, गर्म डामर, टार या इसी तरह की अन्य चीजों, तापरोधन कार्य, विध्वंस कार्य, उत्खनन, भूमिगत संनिर्माण और हैंडलिंग सामग्री के साथ कार्य के संबंध में की जाने वाली सावधानियांय
(r) सुरक्षा नीति, अर्थात्, संनिर्माण श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के संबंध में नीति, उसके लिए प्रशासनिक व्यवस्था और भवन संनिर्माण या अन्य संनिर्माण कार्य से संबंधित मामलों के लिए नियोक्ताओं और ठेकेदारों द्वारा तैयार की जाने वाली नीतिरू
(s) भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 1986 ;1986 का 63द्ध के तहत स्थापित भवन या अन्य संनिर्माण कार्य में अधिनियम के तहत कवर किसी भी वस्तु या प्रक्रिया के उपयोग के संबंध में भारतीय मानक ब्यूरो को प्रस्तुत की जाने वाली जानकारीः
(t) भवन श्रमिकों के लिए चिकित्सा सुविधाओं का के प्रावधान व अनुरक्षण;
(u) भवन संनिर्माण या अन्य संनिर्माण कार्य में किए जा रहे कार्यों में से किसी में भी काम कर रहे श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के विषय में कोई भी अन्य विषय।


41. सुरक्षा उपायों के लिए आदर्श नियमों का निर्धारण - केन्द्र सरकार, धारा 5 के तहत विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर विचार करने के बाद और धारा 40 में विनिर्दिष्ट विषयों में से सभी या किसी एक के संबंध में आदर्श नियम बना सकेगी और जहां ऐसे किसी भी मामले के संबंध में ऐसे आदर्श नियम बनाए जा चुके हैं, समुचित सरकार ऐसे मामले के संबंध में धारा 40 के तहत कोई भी नियम बनाते समय, जहां तक संभव होगा ऐसे आदर्श नियमों के अनुरूप नियम बनाएगी।

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