उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड
श्रम विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार

भवनों के रेखांकन के अनुमोदन के लिये आवश्यक निर्देश

पंजीयन निर्देश
  • भवन के रेखांकन के अनमुोदन के लिए आन लाइन आवदेन से पूर्व आवदेक को आवश्यक निर्देश को भलीभांति अध्धयन करना अनिवार्य है।
  • आवेदक प्रस्तुति (Submission) करने के पूर्व समस्त सूचनाओं की जांच सुनिश्चित कर लें। अन्तिम प्रस्तुति के उपरान्त किसी प्रकार का संशोधन तत्समय स्वीकार्य नहीं होगा।
  • आवेदक इस अप्लीकेशन आई० डी० तथा पासवर्ड को अपने पास सुरक्षित रखे।
  • आवेदक इस अप्लीकेशन आई० डी० तथा पासवर्ड के द्वारा आवेदन पत्र की स्थिति की जांच कर सकता है।
  • कम्प्यूटर द्वारा जनित रेखांकन अनुमोदन की प्रति सत्यापन के अधीन है। असत्य सूचना देने के स्थिति में आवेदन को निरस्त कर दिया जायेगा तथा यथोचित दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
  • नियम 24 के अधीन जारी किया गया प्रत्येक रजिस्ट्रीकरण प्रमाण–पत्र निम्नलिखित शर्तों के अधीन होगा, अर्थात –
    • रजिस्ट्रीकरण प्रमाण–पत्र अहस्तांतरणीय होगा; अर्थात्
    • किसी स्थापन में भवन कर्मकार के रूप में नियोजित कर्मकारों की संख्या किसी भी दिन रजिस्ट्रीकरण के प्रमाण–पत्र में निदिष्ट अधिकतम संख्या से अधिक नहीं होगी; और
    • इन नियमों से जैसा उपबन्धित है उसके सिवाय रजिस्ट्रीकरण प्रमाण–पत्र देने के लिए संदत्त फीस अप्रतिदेय होगी।
  • नियोजक पन्द्रह दिन के भीतर रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को कर्मकारों की संख्या या कार्य की शर्तों में किसी परिवर्तन की यदि कोई हो, सूचना देगा।
  • नियोजक, किसी भवन या अन्य सन्निर्माण कार्य के प्रारम्भ और पूरा होने से तीस दिन के पहले इन नियमों से उपाबद्ध प्ररूप–4 में उस निरिक्षक को लिखित सूचना भेजेगा जिसका उस क्षेत्र पर विचाराधिकार है जहां प्रस्तावित भवन या अन्य सन्निर्माण कार्य का निष्पादन किया जाना है, जिसमें ऐसे भवन या अन्य सन्निर्माण कार्य के, यथास्थिति, प्रारम्भ या पूरा होने की वास्तविक तारीख की सूचना होगी।
  • स्थापन का रजिस्ट्रीकरण प्रमाण–पत्र केवल ऐसे भवन और अन्य सन्निर्माण कार्य के लिए विधिमान्य होगा जो ऐसे स्थापन द्वारा कार्यान्वित किया गया है जिसके लिए उपधारा (3) के अधीन अपेक्षित सूचना दी गई है।
  • रजिस्ट्रीकरण प्रमाण–पत्र की एक प्रति परिसरों के ऐसे सहजदृश्य स्थान पर प्रदिर्शित की जाएगी जहां भवन या अन्य सन्निर्माण कार्य कार्यान्वित किया जाना है।
  • उक्त नियमावली में, नियम-27 में, उपनियम (1) में खण्ड (ग) के पश्चात् निम्नलिखित खण्ड बढ़ा दिया जायेगा, (घ) चूंकि प्रमाण-पत्र आवेदक की स्व-घोषणा के आधार पर जारी किया गया है, अतएव यदि तथ्यों के दुर्व्यपदेशन या द्य तयों को छिपाकर या कूट रचित दस्तावेज के आधार पर जारी किया गया है तो ऐसा प्रमाण-पत्र अकृत और शून्य समझा जायेगा तथा प्रमाण-पत्र को निरस्त कर दिया जायेगा एवं आवेदक के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जा सकती है। कृपया उपरोक्त के सम्बन्ध में प्रमाण-पत्र पर शर्तों को अंकित करने के सम्बन्ध में निर्णय लेना चाहें ।

वेबसाइट का रखरखाव और अद्यतन यू०पी०बी०ओ०सी०डब्लू० बोर्ड, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ, भारत के द्वारा रक्खा जाता है। इस पृष्ठ के माध्यम से सर्फ करते समय आप विभिन्न वेब साइटों के लिए निर्देशिका/लिंक देखेंगे।इन साइटों की सामग्री की सूचना जनसंपर्क विभाग और एनआईसी द्वारा जिम्मेदारी या समर्थन के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।

पिछला नवीनीकरण